- मानसिक शांति मिलती है –नियमित गायत्री मंत्र जाप से व्यक्ति के भीतर की गड़बड़ियों का नाश होने लगता है |
- ध्यान में उन्नति –इस मंत्र का जाप करना योग अभ्यास करने की तरह है, अतः निरंतर और भावपूर्वक गायत्री मंत्र जाप करने से ध्यान में उन्नति होती है |
- अंतर्दृष्टि और आत्मज्ञान की प्राप्ति–मंत्र साधक को भोगवाद और माया से मुक्त करता है जिससे अंतर्दृष्टि में विकास होता है जिससे आत्मज्ञान साक्षात्कार घटित होता है |
- चेतना जागृत होती है –निरंतर जाप से चेतना को जागृत किया जाता है |
- सकारात्मक ऊर्जा मिलती है –निरंतर इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में सत्यनिष्ठा और सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति मिलती है |
- नकारत्मकता दूर रहती है –इससे एकाग्र और निर्मल चित्त को साधा जा सकता है |
- आत्मविश्वास में वृद्धि होती है –इस मंत्र जाप से नकारात्मक भावना से छुटकारा होता है |
- आत्मिक आनंद –मंत्र जाप यज्ञ से सुख-दुख रूपी बंधन से मुक्ति होती है और आत्मिक परम आनंद प्राप्त होता है|
- भावनात्मक सुधार –इससे चिंता, क्रोध से छुटकारा पाया जाता है और सात्विक, सुख, शांति की भावना बनने लगती है |
- क्रोध से छुटकारा होता है –नियमित इस मंत्र का जाप करने वाला साधक में क्रोध पर काबू पाने की शक्ति आती है |
- पापों से मुक्ति होती है –नियमित गायत्री मंत्र के जाप से अंतर मन के दोषों का विरोध होता है जिससे चित्त की शुद्ध होने लगता है | पापी या दोषयुक्त काम करने की प्रेरणा का भी नाश होने लगता है |
- कठिनायों और दुखों से लड़ने की आध्यात्मिक शक्ति –जप साधना से आध्यात्मिक उन्नति और चेतना जागृत होती जिससे अत्यधिक कठिनायों और दुखों से भी व्यक्ति विचलित नहीं होता |
- प्रखर बुद्धि –इससे ज्ञान, वैराग्य और सात्विक भाव को साधा जा सकता है |
- ब्रह्म निर्वाण को प्राप्त हुआ जा सकता है –निरंतर श्रद्धा समर्पण के भाव से गायत्री मंत्र जाप करना आत्मज्ञान और मुक्ति (मोक्ष) को साधने उत्तम विधि है |
- हमारे संतों/शास्त्रों द्वारा समय-परीक्षित
- व्यक्ति के आभामंडल के साथ आसानी से घुल-मिल जाना
- न्यूमेरोस्कोप की कमज़ोरियों को दूर करने में सहायता करें
- विचार प्रक्रिया में सुधार करें
- किसी व्यक्ति की ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार करें
किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होता है स्वास्थ्य की स्थिति को बिगड़ने से रोकता है
यह गायत्री मंत्र देवी गायत्री का मंत्र है, गायत्री देवी ज्ञान, सिद्धि, सद्बुद्धि, समृद्धि, शांति की देवी है और पापनाशिनी देवी है | इस मंत्र को विद्वानों महामंत्र माना है, यह वैदिक परंपरा से आता है ऋग्वेद में शुरवात में पाया जाता है, इसका जाप करने का अतुलनीय महत्व है, इसे बहुत शक्तिशाली और सिद्ध मंत्र माना जाता है, शुरवाती साधकों के लिए भी इस मंत्र का जाप करना उत्तम विधि हो सकती है, ताकि वह ध्यान की अवस्था को प्राप्त हो सके |
गायत्री मंत्र वैदिक धर्म के प्रमुख मंत्रों में से वैदिक मंत्र है, ऋग्वेद की शुरवात में ही इस मंत्र का महत्व देखा जाता है, यह वेद की देवी गायत्री का शरणार्थी मंत्र है | इस की महिमा अपरंपार है; इस मंत्र साधना से साधक के भीतर ज्ञान, वैराग्य, सदाचार और सात्विक भाव का उदय होता है
इससे आपकी बुद्धि तेज होती है और याददाश्त भी मजबूत होती है। यह मंत्र विवेक, आत्मबल और मानसिक शांति प्रदान करता है। छात्र, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले या मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग इसके जाप से काफी लाभ पा सकते हैं।
गायत्री मंत्र का गलत तरीका कोनसा है?
गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा गया है, इसका श्रद्धा पूर्वक जाप करना चाइए , गायत्री मंत्र को बजाना नही इससे गायत्री मंत्र का अपमान होता है गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके नियमित जाप से मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
गायत्री मंत्र वेद की देवी गायत्री को समर्पित है, गायत्री देवी को पापनाशनि देवी के रूप में देखा जाता है, देवी की आराधना से पापों से छुटकारा पाया जा सकता है,
इस मंत्र की साधना से मन के सभी दोष, बुरे गुणों के बंधन विषयों और भोगों की आसक्ति और क्रोध का नाश हो जाता है|
गायत्री मंत्र जाप के लाभ
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