🌙 मोती रत्न (Pearl Stone) – मानसिक शांति और चंद्र ऊर्जा का प्रतीक
मोती, जिसे सफेद मोती या पर्ल स्टोन कहा जाता है, भारतीय ज्योतिष में चंद्रमा से जुड़ा एक अत्यंत शक्तिशाली रत्न माना जाता है। यह भावनात्मक संतुलन, मानसिक स्थिरता, धैर्य और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्रमा नीच का या पीड़ित होता है, उनके लिए यह रत्न विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
मोती पहनने से व्यक्ति को आंतरिक शांति मिलती है, मानसिक तनाव कम होता है, और व्यक्तित्व में निखार आता है। यह रत्न सौभाग्य, समृद्धि, और व्यापार/नौकरी में सफलता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, यह हृदय, त्वचा और पाचन स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।
✅ मोती रत्न पहनने के लाभ:
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मानसिक शांति: तनाव कम करता है और मन को शांत करता है।
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चंद्र ऊर्जा संतुलन: भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है।
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पाचन तंत्र में सुधार: पाचन क्रिया को बेहतर करता है।
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त्वचा की चमक: चेहरे पर निखार लाता है।
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आत्मविश्वास में वृद्धि: व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।
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गहरी नींद: अच्छी और शांत नींद में सहायक।
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हृदय स्वास्थ्य: रक्त संचार में सुधार करता है।
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हार्मोन संतुलन: विशेषकर महिलाओं के लिए फायदेमंद।
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आंखों की सेहत: दृष्टि शक्ति को बढ़ा सकता है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता: शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
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आध्यात्मिक लाभ: नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
👤 मोती रत्न कौन पहन सकता है?
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जिनकी कुंडली में चंद्रमा नीच का, पीड़ित या अशुभ स्थान पर हो।
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कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए विशेष रूप से शुभ।
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भावनात्मक रूप से अस्थिर, अनिद्रा या मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग।
💍 मोती रत्न कैसे पहनें?
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धारण का दिन: सोमवार (शुक्ल पक्ष)
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धातु: चांदी या सफेद सोना
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उंगली: दाहिने हाथ की कनिष्ठिका (छोटी उंगली)
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वजन: 5 से 7 रत्ती (व्यक्ति के शरीर के अनुसार)
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शुद्धिकरण: कच्चे दूध, गंगाजल, शहद और तुलसी पत्र से
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मंत्र:
ॐ सों सोमाय नमः (108 बार जप करें)
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