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पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है, जो ज्ञान, समृद्धि, वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति में सहायक माना जाता है। यह रत्न विशेष रूप से छात्रों, अध्यापकों, आध्यात्मिक मार्गदर्शकों और धार्मिक कार्यों से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। पुखराज धारण करने से मानसिक शांति, आत्मबल और आर्थिक स्थिरता में वृद्धि होती है। मेष, वृषभ, सिंह, धनु और मीन राशि वालों के लिए यह रत्न विशेष रूप से शुभ है। हालांकि, इसे धारण करने से पूर्व कुंडली में गुरु की स्थिति का विश्लेषण और योग्य ज्योतिषी से परामर्श आवश्यक है।

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पुखराज रत्न (Yellow Sapphire):

  पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) को गुरु ग्रह (बृहस्पति) का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान पर हो या यदि बृहस्पति को मज़बूत करना हो, तो पुखराज धारण करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है एक अत्यंत प्रभावशाली ज्योतिषीय रत्न है यह रत्न मुख्यतः गुरु ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में अनेक सकारात्मक परिवर्तन देखे जाते हैं। जो लोग शिक्षा, ज्योतिष, आध्यात्मिकता, धार्मिक कार्य या गुरु-शिष्य परंपरा से जुड़े हैं, उनके लिए यह रत्न अत्यंत उपयोगी है यदि जन्मकुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, तो पुखराज पहनने से उसकी स्थिति सुदृढ़ होती है डायबिटीज, लीवर या पेट संबंधित रोगों से पीड़ित लोगों को यह रत्न पहनने से लाभ मिल सकता है।  पुखराज पहनने के प्रमुख लाभ:
  • धन में वृद्धि यह रत्न आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करता है और समृद्धि प्रदान करता है।
  • शिक्षा में सफलता विशेष रूप से शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी।
  •  संतान सुख संतान संबंधी समस्याओं में यह रत्न लाभदायक होता है।
  •  मानसिक संतुलन बढ़ाता है और आत्मबल को मजबूत करता है।
ज्योतिष अनुसार किसके लिए शुभ है:- राशियों के जातकों के लिए पुखराज विशेष रूप से शुभ माना जाता है:
  1. मेष (Aries) – लग्न या गुरु की स्थिति अनुकूल हो तो शिक्षा, विवाह और संतान सुख में लाभ देता है।
  2. वृषभ (Taurus) – गुरु भाग्य और धर्म का कारक बनता है, जिससे जीवन में प्रगति और सौभाग्य मिलता है।
  3. सिंह (Leo) – गुरु धन और संतान का स्वामी होता है, जिससे आर्थिक स्थिति और संतान सुख में वृद्धि होती है।
  4. धनु (Sagittarius) – गुरु इस राशि का स्वामी है, इसलिए यह रत्न सम्पूर्ण जीवन में उन्नति, सम्मान और संतुलन प्रदान करता है।
  5. मीन (Pisces) – यह राशि भी गुरु की स्वामित्व वाली है, इसलिए यह रत्न जातक को मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है।
  अन्य राशियों के जातकों को ज्योतिषीय परामर्श से पहनना चाहिए, क्योंकि यदि गुरु अशुभ भावों में हो या प्रतिकूल ग्रहों के साथ स्थित हो, तो यह रत्न नुकसान भी पहुँचा सकता है पुखराज एक शुभ, तेज़ प्रभाव देने वाला रत्न है, लेकिन इसे पहनने से पहले कुंडली की गुरु की स्थिति का विश्लेषण करवाना अनिवार्य है पुखराज धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें !

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